
Supreme Court
SC News: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह BJP नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह और अन्य के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
ये अपीलें 2020 में दाखिल की गई थीं
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने नोट किया कि ये अपीलें 2020 में दाखिल की गई थीं, और राज्य सरकार को एक महीने के भीतर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने और प्रत्येक मामले में जांच की स्थिति से अदालत को अवगत कराने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओं को मिली अंतरिम सुरक्षा को 23 जुलाई (अगली सुनवाई की तारीख) तक बढ़ा दिया।इन याचिकाओं में पश्चिम बंगाल के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज FIR की जांच को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
यह किया गया दावा
कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह, सौरव सिंह और पवन कुमार सिंह ने दावा किया है कि 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में प्रवेश से रोकने के लिए उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया।TMC नेता मुकुल रॉय, जो उस समय BJP में थे, भी इस मामले में याचिकाकर्ता हैं। अर्जुन सिंह ने बताया कि 2019 में उनके खिलाफ 64 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जो ज्यादातर सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और चोट पहुँचाने जैसे छोटे अपराधों से जुड़े हैं। पवन सिंह, जो अर्जुन सिंह के पुत्र हैं और वर्तमान में विधायक हैं, ने बताया कि TMC छोड़ने के बाद उनके खिलाफ 9 मामले दर्ज किए गए।
पीठ ने पूछा
आप चाहते हैं कि जांच CBI को सौंपी जाए। क्या आपको यकीन है कि CBI निष्पक्ष जांच करेगी?
पीठ ने कहा
“याचिकाएं 2020 की हैं। इस न्यायालय ने पहले केवल याचिकाकर्ताओं को दमनात्मक कार्रवाई से बचाया था, लेकिन जांच पर कोई रोक नहीं लगाई थी। इसलिए हम पश्चिम बंगाल राज्य को निर्देश देते हैं कि प्रत्येक मामले में जांच की स्थिति बताते हुए एक व्यापक हलफनामा दाखिल करें।”