
Supreme Court
Advocate Case: सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील संदीप टोडी पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया और कहा कि उन्होंने अदालत का माहौल बिगाड़ दिया है।
जुर्माने की राशि नालसा के खाते में जमा किया
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने अधिवक्ता संदीप टोडी से कहा कि वह यह राशि चार सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के खाते में जमा करें और याचिका को छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राशि जमा कर दी गई है या नहीं। शीर्ष कोर्ट एक याचिका में मांगी गई राहत की प्रकृति से वकील पर नाराज़ हो गई थी।
विवेकशील वकील संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर नहीं करेगा
न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, “आपने इस अदालत का माहौल बिगाड़ दिया है, कोई भी विवेकशील वकील संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत ऐसी तुच्छ याचिका दायर नहीं करेगा। अनुच्छेद 32 संविधान में प्रदत्त एक मूल अधिकार है, जिसके तहत व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जाकर अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर न्याय प्राप्त कर सकते हैं।
याचिका को वापस लेने की अनुमति दी गई, पर कार्रवाई करके
पीठ ने कहा, अगर हम इस याचिका को साधारण रूप से वापस लेने की अनुमति दे देते हैं, तो यह गलत संदेश देगा। इसलिए वकील पर जुर्माना लगाते हुए याचिका को वापस लेने की अनुमति दी गई।इस याचिका में एक पारिवारिक विवाद में किसी व्यक्ति को दी गई राहत पर रोक लगाने की मांग की गई थी। 25 मार्च को दायर याचिका में मांग की गई थी कि मुंबई पारिवारिक न्यायालय द्वारा 25 सितंबर 2019 को प्रतिवादी संख्या 4 (नेहा टोडी उर्फ नेहा सिताराम अग्रवाल) के पक्ष में दी गई सभी राहतों पर एकतरफा रोक लगाई जाए। इस याचिका में केंद्र सरकार, मुंबई की फैमिली कोर्ट, और बॉम्बे हाई कोर्ट को प्रतिवादी बनाया गया था।