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SC News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता (सीनियर एडवोकेट) की पदवी के लिए किए गए आवेदनों का नए सिरे से मूल्यांकन करने का आदेश दिया है।
पूर्व समिति ने 70 वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी दी थी
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि पूर्व समिति ने 300 से अधिक आवेदकों में से 70 वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी प्रदान की थी। लेकिन यह भी कहा कि समिति ने वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंद्राजोग द्वारा दिए गए अंकों को ध्यान में नहीं रखा। नंद्राजोग ने इसका विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था, ठीक एक दिन बाद जब नव-नामित वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सूची नवंबर 2024 में प्रकाशित हुई थी। यह निर्णय पिछले साल बनाए गए नियमों के तहत लिया गया, क्योंकि पिछली समिति ने अपने एक सदस्य द्वारा दिए गए अंकों को विचार में नहीं लिया था।
नए सिरे से हाईकोर्ट आवेदकों के मामलों को देखे
पीठ ने कहा, हमने सुधीर नंद्राजोग के हलफनामे और रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट को देखा है और पाते हैं कि उचित समाधान यह होगा कि उच्च न्यायालय उन आवेदकों के मामलों पर नए सिरे से विचार करे, जिनके आवेदन या तो स्थगित किए गए थे या अस्वीकृत। यह मूल्यांकन दिल्ली उच्च न्यायालय वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकन नियम, 2024 के अनुसार किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव, जो दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से पेश हुए, ने कहा कि उच्च न्यायालय “दे नोवो” यानी नए सिरे से विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि कुल 302 आवेदनों में से 67 को स्थगित किया गया था। पीठ ने निर्देश दिया कि एक स्थायी समिति का पुनर्गठन किया जाए, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, दो वरिष्ठतम न्यायाधीश, दिल्ली सरकार का नामांकित सदस्य, केंद्र सरकार का एक विधि अधिकारी और दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख शामिल हों।
नए मूल्यांकन की प्रक्रिया
पीठ ने कहा, स्थगित और अस्वीकृत आवेदकों के आवेदन पुनः स्थायी समिति के समक्ष रखे जाएंगे और इन्हें 2024 के नियमों के अनुसार संसाधित किया जाएगा। यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया है कि समिति के लिए अनुरोध प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर अपने नामांकित वकील का चयन करें। समिति के मूल्यांकन को सभी हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के साथ साझा करने के बाद अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता नामांकन की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट एडवोकेट्स एक्ट की धारा 16(2) के तहत वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी प्रदान करते हैं, जो वकीलों की प्रतिष्ठा, अनुभव, कानूनी ज्ञान, और योगदान के आधार पर दी जाती है। 2017 और 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक मार्किंग स्कीम तैयार की थी जिसमें अनुभव, निर्णयों में योगदान, प्रकाशन और विधि विशेषज्ञता जैसे पहलू शामिल हैं।
कुछ आवेदकों की आपत्तियां
रमन गांधी, जिन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता के लिए आवेदन किया था पर उन्हें पदवी नहीं मिली, उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उन वकीलों को भी सूची में शामिल करवाया जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है। एक अन्य आवेदक ने अदालत से निवेदन किया कि यह प्रक्रिया समयबद्ध बनाई जाए और अदालत को निर्देश दे कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सूची जुलाई तक प्रकाशित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की: इस पदवी को पाने की जल्दी क्यों है? हम समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।