
NAAC
University News: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च शिक्षा संस्थानों की निष्पक्ष और पारदर्शी ग्रेडिंग सुनिश्चित करने के उपायों को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय और अन्य से जवाब मांगा है।
पीठ ने UGC, NAAC व बिस्ट्रो डेस्टिनो फाउंडेशन को दी याचिका
न्यायमूर्ति पीएस नरसिंहा और जॉयमाल्य बागची की पीठ ने शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) को बिस्ट्रो डेस्टिनो फाउंडेशन नामक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। 9 अप्रैल के आदेश में कहा, इस मामले की गहराई में जाना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि NAAC किस प्रकार कार्य कर रहा है। उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी जाती है। याचिका में NAAC द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन और ग्रेडिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर चिंताएं जताई गई हैं।
बिस्ट्रो डेस्टिनो फाउंडेशन ने दायर की है याचिका
बिस्ट्रो डेस्टिनो फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका में एनएएसी की ग्रेडिंग प्रणाली पर कई सारे सवाल खड़े किए गए है। याचिका में कहा गया है कि एनएएसी की मौजूदा ग्रेडिंग प्रणाली में कई बड़ी खामियां हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालयों को ग्रेड देने में निष्पक्षता नहीं दिखाई देती और पारदर्शिता की भी कमी है। याचिका में यह भी बताया गया कि 1 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएएसी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था, जिससे संस्था की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं।
सीबीआई ने NAAC अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की शिकायत
याचिका में कहा गया है कि NAAC द्वारा अपनाए गए वर्तमान कार्यप्रणाली के तहत निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर गंभीर प्रश्न हैं। याचिका में 1 फरवरी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा NAAC अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एक भ्रष्टाचार मामले का भी हवाला दिया गया, और कहा गया कि यह प्रत्यायन प्रक्रिया की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। NAAC, जिसे 1994 में स्थापित किया गया था, UGC के तहत एक स्वायत्त संस्था है, जो पाठ्यक्रम, संकाय, अवसंरचना, अनुसंधान और वित्तीय स्थिति जैसे मापदंडों पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ग्रेड देती है।