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Court News: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्लैट-2025 प्रश्नपत्र में हुई कुछ त्रुटियों को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट से स्थानांतरित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
याचिकाओं पर जल्द शुरू होगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि वह इन याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करना चाहते हैं, ताकि परिणाम घोषित किए जा सकें। यह भी कहा कि स्नातक पाठ्यक्रमों (यूजी) से संबंधित याचिकाओं में तात्कालिकता है और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों की याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा। पीठ ने कहा, यूजी से संबंधित मामलों में तात्कालिकता है। चाहते हैं कि जल्द से जल्द सुनवाई पूरी हो ताकि परिणाम घोषित किए जा सकें और यूजी की प्रक्रिया शुरू हो सके। इतने दिनों से छात्रों में असमंजस और चिंता बनी हुई है, जिसे हम खत्म करना चाहते हैं। यह छात्रों के लिए अच्छा नहीं है। अदालत ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के संघ की ओर से पेश वकील की कुछ देर तक दलीलें सुनीं और कहा कि वह 8 अप्रैल को मामले की सुनवाई जारी रखेगी।
यह था मामला
देश के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में स्नातक और स्नातकोत्तर विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2025आयोजित किया गया था। क्लैट 2025 परीक्षा पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 1 दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी और परिणाम 7 दिसंबर, 2024 को घोषित किए गए थे। परीक्षा में कई प्रश्नों को लेकर त्रुटियों के आरोप लगाते हुए देश के विभिन्न हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी को सभी याचिकाओं को एकसमान तरीके से निपटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।
दिल्ली हाई कोर्ट में केस ट्रांसफर की गुहार
शीर्ष अदालत ने यह आदेश सीएनएलयू की स्थानांतरण याचिकाओं पर पारित किया था। कई छात्रों ने यह मांग की थी कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया जाए क्योंकि उसने पहले कुछ याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय दिया था, जिनमें क्लैट-यूजी 2025 की उत्तर कुंजी में दो प्रश्नों की त्रुटियों को पहचाना गया और परिणाम में सुधार का निर्देश दिया गया।
क्लैट अभ्यर्थी ने दायर की थी याचिका
20 दिसंबर, 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने क्लैट-2025 की उत्तर कुंजी में हुई त्रुटियों के आधार पर संघ को परिणाम संशोधित करने का निर्देश दिया था। यह आदेश एक क्लैट अभ्यर्थी की याचिका पर आया था, जिसमें यह कहा गया था कि प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत थे। याचिका में 7 दिसंबर, 2024 को जारी उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई थी और कुछ प्रश्नों के सही उत्तर घोषित करने की मांग की गई थी।
त्रुटियां स्पष्ट रूप से प्रदर्शनीय थीं : कोर्ट
एकल न्यायाधीश ने कहा था कि त्रुटियां स्पष्ट रूप से प्रदर्शनीय थीं और उन्हें नजरअंदाज करना अन्याय होगा। जहां एक ओर अभ्यर्थी ने अन्य दो प्रश्नों को लेकर न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी, वहीं सीएनएलयू ने भी इस आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की। 24 दिसंबर, 2024 को डिवीजन बेंच ने यह कहते हुए कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया कि प्रथम दृष्टया एकल न्यायाधीश के आदेश में दो प्रश्नों को लेकर कोई त्रुटि नहीं है और संघ स्वतंत्र रूप से न्यायाधीश के निर्देश के अनुसार परिणाम घोषित कर सकता है।