
SC News: सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग के लिए संसदीय, विधानसभा और ग्राम पंचायत चुनावों में दो प्रतिशत आरक्षण की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
रिट याचिका को किया शीर्ष अदालत ने किया खारिज
न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, हम इस तरह का निर्देश कैसे जारी कर सकते हैं? यह नीतिगत मामला है। पीठ ने स्वयं उपस्थित हुए याचिकाकर्ता से पूछा, अगर यह रोजगार या किसी अन्य चीज़ से संबंधित होता, तो हम इस पर विचार कर सकते थे। लेकिन हम इस पर निर्देश कैसे दे सकते हैं? इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। इस कारण यह रिट याचिका खारिज की जाती है। इस याचिका में केंद्र और अन्य संबंधित पक्षों को चुनावों में विकलांग व्यक्तियों के लिए, अधिमानतः दो प्रतिशत, आरक्षण प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के 8 नवंबर 2024 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें केंद्र को तीन महीनों के भीतर अनिवार्य रूप से सुलभता (Accessibility Standards) के मानकों को लागू करने का निर्देश दिया गया था। पीठ ने कहा कि यदि दिव्यांग को किसी सार्वजनिक कार्यालय तक पहुंच नहीं मिल रही है, तो शीर्ष अदालत यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें वह सुविधा प्राप्त हो।सार्वजनिक कार्यालयों में लिफ्ट और रैंप होने चाहिए, ताकि दिव्यांग को पहुंचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।
पिछले वर्ष सार्थक पहुंच को लेकर दिए थे अहम निर्देश
पिछले साल नवंबर में एक अलग मामले में दिए गए अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग के लिए सार्वजनिक स्थानों तक “सार्थक पहुंच” (Meaningful Access) की अनिवार्यता पर जोर दिया था और इसके लिए दो-तरफा दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया था। पहला मौजूदा बुनियादी ढांचे को सुलभता मानकों के अनुरूप बनाना और दूसरा यह सुनिश्चित करना कि सभी नए निर्माण शुरू से ही समावेशी तरीके से डिजाइन किए जाएं।