
Delhi High Court
Justice Row: दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से नकदी मिलने के मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी है।
14 मार्च को नकदी मिलने की उड़ी थी अफवाह
न्यायमूर्ति उपाध्याय ने घटना के संबंध में साक्ष्य और जानकारी एकत्र करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। अब शीर्ष अदालत का कॉलेजियम रिपोर्ट की जांच करेगा और आगे की कार्रवाई शुरू कर सकता है। 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी मिलने की घटना हुई, जिसके बाद दिल्ली के अग्निशमन विभाग के कर्मियों को मौके पर पहुंचकर आग बुझानी पड़ी।
शीर्ष अदालत ने किया है घटना का खंडन
शीर्ष अदालत ने बयान में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की थी और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का प्रस्ताव अलग था। बयान में कहा गया, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सूचना मिलने पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायमूर्ति उपाध्याय ने साक्ष्य और सूचना एकत्रित करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कॉलेजियम की बैठक से पहले जांच शुरू कर दी थी…
बताया जाता है कि न्यायमूर्ति उपाध्याय ने 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक से पहले जांच शुरू कर दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें स्थानांतरित करने के प्रस्ताव की जांच 20 मार्च को सीजेआई और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने की थी और उसके बाद न्यायमूर्ति वर्मा के अलावा शीर्ष न्यायालय के परामर्शी न्यायाधीशों, संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र भेजे गए थे। न्यायालय ने कहा, प्राप्त प्रतिक्रियाओं की जांच की जाएगी और उसके बाद कॉलेजियम एक प्रस्ताव पारित करेगा।